Saturday, 1 September 2012


भरे उमंग 
हो जब तकरार 
सजन संग 
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तांका  -------
रजनी रानी 
झिलमिल तारों की 
ओढ चूनर 
श्याम सलोनी तुम 
लगती प्यारी प्यारी
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चांदनी तुम 
शीतल सुखदाई 
मन को भाती
करती हो धरा को 
आभा से आभासित 
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सच्चिदानंद
ज्ञान -बुद्धि -विवेक 
दो मेरे प्रभु 
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क्षणभंगुर 
है चराचर जीव 
सारा संसार 
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महिना बीता
पाक़ रमजान का 
आज है ईद 
और बनी सिवैंया 
हो मुबारकबाद 

प्रमिला आर्य 

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