भरे उमंग
हो जब तकरार
सजन संग
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तांका -------
रजनी रानी
झिलमिल तारों की
ओढ चूनर
श्याम सलोनी तुम
लगती प्यारी प्यारी
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चांदनी तुम
शीतल सुखदाई
मन को भाती
करती हो धरा को
आभा से आभासित
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सच्चिदानंद
ज्ञान -बुद्धि -विवेक
दो मेरे प्रभु
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क्षणभंगुर
है चराचर जीव
सारा संसार
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महिना बीता
पाक़ रमजान का
आज है ईद
और बनी सिवैंया
हो मुबारकबाद
प्रमिला आर्य
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