Saturday, 1 September 2012

हाइकु , तांका ------




हाइकु , तांका ------

खिला काँटों में 
महकाता चमन 
लगता प्यारा 
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आँख से  आंसू 
गिरने ना दें कभी 
हैं अनमोल
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आँख से आंसू 
गिर कर कहते 
मन की व्यथा 
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बंसी अधर 
चंचल चितवन 
राधा के संग 
रास रचाए कान्हा 
यमुना तट पर 
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बंसी अधर 
चंचल चितवन 
राधा के संग 
रास रचाए कान्हा 
यमुना तट पर 
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मनमोहना 
चंचल चपल तू 
लगता प्यारा
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आँख का  तारा 
लूं मैं तेरी बलैयां
तू मेरा चंदा 
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शैतानी तेरी 
लागे मनोहारी 
ख़ुशी तू  मेरी 
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मनमोहना 
चंचल चपल तू 
लगता प्यारा 
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ऑ री पवन  
ले जा मेरा संदेस 
जहाँ सजन 
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दर्द दे दिया 
अपना बना  कर 
जलता जिया 
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सजन  तुम 
भूल गए जाकर 
व्याकुल हम 
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नहीं है चैन 
आ जाओ ना सजन 
हम बेचैन 
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रूठे बलम
की प्रतीक्षा कितनी 
आए ना तुम 
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