Sunday, 3 March 2013

*** देखो आ रहा नव वर्ष ------------
बीती ताहि बिसार के आओ मनाएँ हर्ष
देखो आ रहा नव वर्ष

विगत को कर के विदा हम
आगत का करते हैं स्वागत
पुरातन को दें नव स्पर्श
देखो आ रहा नव वर्ष

नव उल्लास उमंग जगा केर
नवआशा के दीप जला कर
हम भूलें सब संघर्ष ।
देखो आ रहा नव वर्ष

उत्पीड़न अत्याचारों से
आतंकित है जन गण मन,अब
मुक्ति के निकलें नव निष्कर्ष ।
देखो आ रहा नव वर्ष

सद्भावों की जोत जलाकर
सृजन के नव गीत गाकर
जन जन को दें नव उत्कर्ष ।
देखो आ रहा नव वर्ष

कल्याण की कर कामनाएँ
रख उन्नति की भावनाएँ 
करें स्थापित नव आदर्श ।
देखो आ रहा नव वर्ष

सबको मंगलमय नव वर्ष
सुखदायी हो ये नव वर्ष
पुरातन को दें नव स्पर्श
सबका ही हो अब उत्कर्ष
हम सब आज मनाएं हर्ष
देखो आ रहा नव वर्ष
प्रमिला आर्य

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