Saturday, 2 March 2013

याद बहुत तुमआती हो माँ------------

याद बहुत तुमआती हो माँ------------
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बिछड़ी हो जब से तुम मुझसे
झर झर झरते नयनों सेअश्रु
कौन इन्हें अब समझाए माँ
याद बहुत तुमआती हो माँ

व्याकुल जब जब मनवा होता 
शीश हाथ धर नेह जताती
बाहुपाश में अपने लेकर
मुझको धीर बंधाती थी माँ
याद बहुत तुमआती हो माँ

कष्ट अनेकों चुप चुप सहती
मुख से कुछ ना कहती माँ
उपकार अनेकों मुझ पर तेरे
उऋण कभी ना होऊँ माँ
याद बहुत तुमआती हो माँ

सूरत हर पल आँख में रहती
पर ना तुम अब दिखती हो माँ
प्यार दया ममता की मूरत
निर्मोही क्यों हो गई माँ
याद बहुत तुमआती हो माँ

प्रमिला आर्य




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