Tuesday, 31 July 2012

माता की महिमा -------------

मातुश्री के श्री चरणों में शत -शत नमन 
                    माता की महिमा  
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माता की महिमा न्यारी रे, ममता की मूरत प्यारी रे l
म्हू जाऊं घणी  घणी  वारी रे ,माता की महिमा न्यारी रे ll

बाला ने सूखा स्वाणे है वा ,खुद गीला में सोवे है वाl
जाग जाग के पाले पोसे ,नरख नरख हरषावे रे   ll
माता की महिमा .............

सूरज उग्याँ सूं  फेलां जागे, सब सोयाँ पाछे वा सोवे l
दन रात एक कर देवे है अर आसीसां निछरावे रे ll
माता की महिमा ..............

दुखड़ा सगळा खुद स्हे  लेवे , कोयां सूं वा खेवे कोनि   l
मन ही मन मन मं घुट घुट जीवे ,मुखड़े हांसी दिखावे रे ll
माता की महिमा ............

पूत कपूत भल्याँ ही  होवे ,मात  कुमात न होवे  है  रे  l
 गल्त्यां म्हाँकी बिसरा के वा हिवडे म्हानें लगावे रे ll
माता की महिमा ................

सागर सूं भी घेरी छ मां ,धरती सूं भी भारी छ वा   l
विपदा री आंध्यां जद जद चाले,परबत ज्यूँ अड़जावे  रे ll
माता की महिमा ................    

दुःख सुख म्हांके मनडे रा बीरा ,छिपे नहिं महतारी सूं रे l
मनडे  री भासा जाण लेवे ,दुःख में धीर बंधावे रे   ll
माता री महिमा ...............

त्याग तपस्या में तो माता सरगां सूं भी ऊंची छ रे l
संतानां रा मंगल खातर नित नित जोत  जलावे रे ll
माता री महिमा ................

थारा ऋण सूं म्हारी माँ म्हू उऋण खदी ना हो पाऊँगी l
धन धन जननी म्हारी थारा चरणां सीस झुकाऊं  रे   ll
माता री महिमा ..............

                                                 - प्रमिला आर्य 
    



 

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