Tuesday, 7 August 2012

समर्पण --- 
स्नेह प्रपूरित 
दीप का
स्नेह मिला
सम्बल मिला 
आश्रय मिला 
एक लघु स़ी 
कोमल स़ी 
बाती को तो,
 हो समर्पित
ज्योतित हुई      
और
तिमिराच्छादित
लोक को
कर दिया
प्रभा - प्रभासित /
कहने लगे हम
दीप जल गया
आलोक हो गया ,
जला कर
अस्तित्व अपना ....
दिलाई पहचान
दीप को ./,
यों .....
स्नेह सम्बल आश्रय का
प्रतिदान बाती ने दिया
हो समर्पित
बुझ गई फिर
लघु स़ी बाती //
हुई  समर्पित
लघु स़ी बाती
प्रमिला आर्य 
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