Tuesday, 7 August 2012

प्रार्थना प्रभु से................

 प्रार्थना प्रभु से
भक्ति का भाव भरदो हृदय में तेरे चरणों में वंदन  करूँ  मैं 
सारे जग का हो मंगल प्रभु जी तेरी पूजा ओअर्चन करूँ मैं 

महरबानी प्रभू  ऐसी  करना सुख दुःख में सदा सम रहूँ मैं 
दुखोंसे मन ना विचलित कभी हो मदमाऊं ना सुख में कभी मैं 
भक्ति का भाव भरदो हृदय में ....................................

कर्म करती रहूँ मैं सदा ही फल की इच्छा कभी ना हो मन में 
जग के जंजाल में ना मैं उलझूं जल में जैसे कमलवत रहूँ मैं 
भक्ति का भाव भर दो हृदय मैं ......................................

जल थल में तलातल चराचर में तेरी लीला का विस्तार स्वामी 
सर्वव्यापी  है  सत्ता  तिहारी दर्शन  कण- कण में तेरा  करूँ मैं 
भक्ति का भाव भरदो हृदय में ....................................
प्रमिला आर्य 

No comments:

Post a Comment