स्वप्न------
सपनो के महल
बनाये थे जो कभी
बिखर गए
घरौंदों के मानिंद ,
सपने सलोने
जो देखे थे कभी
बिखर गए
टूट कर कांच की तरह ,
स्वप्न बिखरे टूटे ,
ध्वस्त हुवे तो क्या ?
हम ..
फिर से देखेंगे स्वप्न
फूलों की तरह
सुकोमल
सुन्दर और मनोहर
जो खिलेंगे फूलेंगे
काँटों में रह कर भी
महकाएँगे
हमारी आशाओं के उपवन
और -अंतत:
दे जायेंगे
सुनहरे भविष्य के
ठोस सुदृढ़ उपजाऊ
नव बीज
इस युग के
बीज दे जाएंगे
नव निर्माण के
पुनर्निर्माण के
सपनो के महल
बनाये थे जो कभी
बिखर गए
घरौंदों के मानिंद ,
सपने सलोने
जो देखे थे कभी
बिखर गए
टूट कर कांच की तरह ,
स्वप्न बिखरे टूटे ,
ध्वस्त हुवे तो क्या ?
हम ..
फिर से देखेंगे स्वप्न
फूलों की तरह
सुकोमल
सुन्दर और मनोहर
जो खिलेंगे फूलेंगे
काँटों में रह कर भी
महकाएँगे
हमारी आशाओं के उपवन
और -अंतत:
दे जायेंगे
सुनहरे भविष्य के
ठोस सुदृढ़ उपजाऊ
नव बीज
इस युग के
बीज दे जाएंगे
नव निर्माण के
पुनर्निर्माण के
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