जन्मदिन की शुभकामनाएं
दिन दूनी निशि चौगुनी ,करें उन्नति आप
मंगलमय है कामना ,बढ़ता रहे प्रताप /
शब्द वर्ण विन्यास से ,करते वाणी विलास
रचनायें रचते रहें ,ऐसी है अभिलास /
सुख समृद्धि सम्पदा , रहे हमेशा साथ
शीश रहे नित आपके, माँ वागीशा हाथ /
प्रमिला आर्य
फूलें फलें उन्नति करें खुशहाली हो जीवन में
जन्मदिन के अवसर पर ये कामना करती हूँ मैं /
फूलों से नित बाग़ सजा हो खुशबू से महके अंगना
रबड़ी बनाऊं आज मैं ग़र ले आओ संग में सजना/
प्रमिला आर्य
साहित्य संगीत और कला का
माँ शारदे दे वरदान
सतत साधना आराधन से
पूरे हों तेरे अरमान /
स्वस्थ सदा सुखी रहो तुम
फूल खिले हों गुलशन में
महिमा की महिमा बढे
नित खुशियाँ हो दामन में
जन्मदिन के अवसर पर मैं
कामना करती हूँ ये l
प्रमिला आर्य
मानस में चिन्तन मनन,और लेखनी हाथ l
दिन दूनी निशि चौगुनी ,करें उन्नति आप
मंगलमय है कामना ,बढ़ता रहे प्रताप /
शब्द वर्ण विन्यास से ,करते वाणी विलास
रचनायें रचते रहें ,ऐसी है अभिलास /
सुख समृद्धि सम्पदा , रहे हमेशा साथ
शीश रहे नित आपके, माँ वागीशा हाथ /
प्रमिला आर्य
फूलें फलें उन्नति करें खुशहाली हो जीवन में
जन्मदिन के अवसर पर ये कामना करती हूँ मैं /
फूलों से नित बाग़ सजा हो खुशबू से महके अंगना
रबड़ी बनाऊं आज मैं ग़र ले आओ संग में सजना/
प्रमिला आर्य
साहित्य संगीत और कला का
माँ शारदे दे वरदान
सतत साधना आराधन से
पूरे हों तेरे अरमान /
स्वस्थ सदा सुखी रहो तुम
फूल खिले हों गुलशन में
महिमा की महिमा बढे
नित खुशियाँ हो दामन में
जन्मदिन के अवसर पर मैं
कामना करती हूँ ये l
प्रमिला आर्य
मानस में चिन्तन मनन,और लेखनी हाथ l
रचनाधर्मी के सदा , मात शारदे साथ ll
गुलदस्ता है हाथ में , भाभी जी हैं पास
तैलंग जी इक प्रश्न है ,अवसर है क्या ख़ास
तैलंग जी इक प्रश्न है ,अवसर है क्या ख़ास
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